प्रयागराज : स्वरूपरानी नेहरू हॉस्पिटल जन औषधि केंद्रों में निजी फार्मा दवाओं की अवैध बिक्री: सस्ती दवाओं का सपना अधूरा
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का उद्देश्य गरीब मरीजों को सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराना था, लेकिन कई केंद्रों पर निजी फार्मा कंपनियों की ब्रांडेड और महंगी दवाओं की खुलेआम बिक्री हो रही है। स्वरूपरानी अस्पताल जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में शुरू हुए केंद्रों के बावजूद, देशभर में इस तरह की अनियमितताओं की शिकायतें बढ़ रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, स्वरूपरानी नेहरू हॉस्पिटल में जन औषधि के बजाय निजी ब्रांड की दवाएं बेची जा रही हैं, जिससे मरीजों को वास्तविक राहत नहीं मिल पा रही।

जन औषधि केदो के माध्यम से सस्ते दाम पर जेनेरिक दवाइयां लोगों को उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था है सरकारी अस्पतालों में इस व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही है इनमें जेनेरिक दावों को पीछे करके निजी फार्मा कंपनियों का व्यापार सींचा जा रहा है.
स्वरूपरानी नेहरू हॉस्पिटल चिकित्सालय जैसे मंडल के सबसे बड़े अस्पताल में जन औषधि केंद्र से खुले आम निजी फार्मा कंपनियों की दवाइयां बेची जा रही है. इसके बदले किसी को बिल न देकर जन औषधि केंद्र संचालक राजस्व को भी चूना लगा रहे हैं .जेनेरिक दवाइयां सस्ते दाम की और बीमारियों के उपचार में कारगर हैं. इस कारण इनकी आपूर्ति भारत सरकार से मान्यता प्राप्त फार्मा कंपनी से सीधे जिले में होती है.
जेनेरिक दवाइयां और निजी ब्रांड की दवाइयां के दाम में लगभग 80% का अंतर रहता है .कुछ गिनी चुनी जेनेरिक दवाइयां ही महंगी होती है, सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केदो का लाइसेंस इसलिए लिया जाता है ताकि वहां मरीजों को यह दवाइयां सुलभता से मिल जाए .
स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय में केंद्र संचालक ने नियमों को तक पर रख दिया है ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं जेनेरिक दवाइयां जो सरकारी केंद्रीय दवाइयां है इसी क्रम में मिली रिपोर्ट के अनुसार भदोही से आए सुमित सिंह ने अस्पताल में अपनी चाची के लिए जन औषधि केंद्र से दवाइयां ली 6-7 ब्रांड की दवाइयां दी गई.
इसमें केवल एक दवा पर जन औषधि केंद्र की मोहर लगी थी .1950 रुपए लिया गया लेकिन बिल नहीं दिया गया. जसरा से आए हुए परवेज ने जन औषधि केंद्र में दो तरह की सिरप ली एक पर जन औषधि केंद्र की मोहर लगी थी दूसरी पर एक निजी फार्मा कंपनी की दी गई ,165 रुपए की दवाइयां दी गई लेकिन बिल नहीं दिया गया.
इसी तरह से शंकरगढ़ निवासी शंकर लाल तिवारी को जन औषधि केंद्र से मिली दवाइयां में तीन निजी फार्मा कंपनियों की दवाइयां रही इन्हें भी मेडिकल स्टोर से बिल नहीं दिया गया .
वार्ड 2 में भर्ती मरीज के तीमारदार आलम ,सतेंद्र मिश्रा नैनी से आए कौशलेंद्र और सोरांव से आई मालती देवी को निजी फार्मा कंपनियों की दवाइयां दी गई .वहीं कृष्ण कुमार जो जन औषधि केंद्र संचालक हैं उन्होंने दैनिक जागरण पेपर को बताया कि जेनेरिक दवाइयां की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है इसलिए निजी फार्मा कंपनियों की दवाइयां ग्राहकों को दी जा रही है.
इससे की अनुमति संबंधित अधिकारियों से ली गई है .कुछ बाहरी कंपनियों की दवाइयां रखना जन औषधि केंद्र से बेचने का नियम है ड्रग इंस्पेक्टर मांगेंगे तो अनुमति पत्र और नियम उपलब्ध करा दिया जाएगा.
वहीं पर संतोष पटेल ड्रग इंस्पेक्टर ने कहा कि जन औषधि केंद्र से निजी फार्मा कंपनियों की दवाएं बेचने की उनको जानकारी नहीं है .मेडिकल स्टोर पर जाकर के देखेंगे यदि ऐसा कुछ मिला तो नियम कानूनों के उल्लंघन पर कार्यवाही करेंगे.
