Wednesday, November 12, 2025

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आम आदमी पार्टी की सरयू से संगम तक पदयात्रा की तैयारी जोरो पर

प्रयागराज में आम आदमी पार्टी की पदयात्रा की तैयारी जोरों पर: निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने लिया जायजा, अधिवक्ता मो रिजवान ने थामा पार्टी का दामन

प्रयागराज, 3 नवंबर 2025 (विशेष संवाददाता): उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी (आप) की राजनीतिक गतिविधियां तेज हो रही हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के दौर में जहां एक ओर विकास और सुशासन की बहस चल रही है, वहीं दूसरी ओर युवाओं के रोजगार और सामाजिक न्याय की मांग सड़कों पर उतरने को बेताब है।

इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी की बहुप्रतीक्षित पदयात्रा ‘रोजगार दो, सामाजिक न्याय दो’ की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। यह पदयात्रा 12 नवंबर से 24 नवंबर 2025 तक सरयू नदी से प्रयागराज के पवित्र संगम तक चलेगी, जिसकी अगुआई पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह करेंगे।

कल, 2 नवंबर 2025 को प्रयागराज पहुंचे निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पदयात्रा की तैयारियों का जायजा लेना था। बैठक में सभाजीत सिंह ने न केवल कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया, बल्कि एक नई सदस्यता ग्रहण करने वाले अधिवक्ता मोहम्मद रिजवान को पार्टी की टोपी पहनाकर औपचारिक रूप से आप परिवार में शामिल किया।

फूलपुर निवासी मो रिजवान, जो एक प्रमुख अधिवक्ता हैं, ने इस अवसर पर कहा कि वे पार्टी के सिद्धांतों से प्रेरित होकर जुड़ रहे हैं और पदयात्रा के माध्यम से सामाजिक न्याय की लड़ाई में योगदान देंगे। यह घटना पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है, जो दर्शाती है कि आप का विस्तार सभी वर्गों और समुदायों तक पहुंच रहा है।बैठक प्रयागराज के एक प्रमुख सभागार में आयोजित की गई, जहां सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे। सभाजीत सिंह ने अपने संबोधन में पदयात्रा के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “यह पदयात्रा केवल एक मार्च नहीं, बल्कि एक क्रांति का प्रारंभ है। युवाओं को रोजगार और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना हमारा संकल्प है। आजादी के 78 वर्ष बीत जाने के बाद भी लाखों युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, छोटे दुकानदार, किराना व्यवसायी, आम किसान, मजदूर, ऑटो-टैक्सी चालक जैसे मेहनतकश वर्ग को उनका हक नहीं मिल पा रहा। यह शर्मनाक है। आम आदमी पार्टी इस अन्याय के खिलाफ खड़ी है।” सिंह ने आगे जोर देकर कहा कि यह पदयात्रा सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर शुरू हो रही है, जो लौह पुरुष के सपनों को साकार करने का माध्यम बनेगी।

पटेल जी ने एक मजबूत, एकीकृत भारत का सपना देखा था, जहां हर नागरिक को समान अवसर मिले। आप इसी दिशा में कदम उठा रही है।पदयात्रा का आयोजन एक ऐतिहासिक कदम है। सरयू नदी, जो अयोध्या से निकलती है, वहां से प्रयागराज के संगम तक की यह यात्रा लगभग 500 किलोमीटर लंबी होगी। इसमें हजारों कार्यकर्ता, युवा, महिलाएं और सामाजिक कार्यकर्ता भाग लेंगे। मार्ग में अयोध्या, फैजाबाद, सुल्तानपुर, जौनपुर, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जैसे महत्वपूर्ण जिले शामिल होंगे। पदयात्रा के दौरान रोजगार मेले, जागरूकता सभाएं, किसान-मजदूर संवाद और सामाजिक न्याय पर चर्चाएं आयोजित की जाएंगी।

सांसद संजय सिंह, जो दिल्ली से इस यात्रा का नेतृत्व करेंगे, ने पहले ही घोषणा की है कि यह यात्रा उत्तर प्रदेश की राजनीति को नई दिशा देगी। सिंह ने कहा था, “उत्तर प्रदेश विकास के मामले में पिछड़ रहा है। भाजपा सरकार के 8 वर्षों में न तो रोजगार बढ़ा, न न्याय मिला। आप ही वह विकल्प है जो प्रदेश को दिल्ली मॉडल की तरह बदल सकता है।”सभाजीत सिंह का प्रयागराज आगमन पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए उत्साह का विषय बना। निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष के रूप में वे पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।

उनके नेतृत्व में आप ने उत्तर प्रदेश में कई सफल अभियान चलाए, जिनमें किसान आंदोलन का समर्थन और शिक्षा-स्वास्थ्य सुधार की मांग प्रमुख हैं। प्रयागराज, जो संगम नगरी के रूप में जाना जाता है, हमेशा से राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों का केंद्र रहा है। यहां 2019 के लोकसभा चुनावों में आप ने मजबूत प्रदर्शन किया था, और अब पदयात्रा के माध्यम से पार्टी अपनी जड़ें और गहरी करना चाहती है। बैठक में सभाजीत सिंह ने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि वे हर बूथ स्तर पर प्रचार तेज करें। “एक-एक कार्यकर्ता कमर कस ले। लोगों को जोड़ने का काम तेज करें।

आप ही प्रदेश को विकसित बना सकती है,” उन्होंने कहा।बैठक में कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे। जिला अध्यक्ष सर्वेश यादव ने स्वागत भाषण दिया, जिसमें उन्होंने पदयात्रा को ‘उत्तर प्रदेश की नब्ज’ बताया। काशी प्रांत अध्यक्ष पवन तिवारी ने कहा कि पूर्वांचल के युवा इस यात्रा से सबसे अधिक लाभान्वित होंगे। अंजनी मिश्रा, मोहम्मद खालिद, अमन कुमार, मोहम्मद अजमल, रेणुका राय, रविंद्र श्रीवास्तव, बसंत लाल बागी, मनोज निषाद, इंद्रेश चंद्र, गोलू सोनकर, अरुण कुशवाहा और अजय कुमार टोनी जैसे नेताओं ने विभिन्न जिलों से तैयारियों की रिपोर्ट पेश की। इनमें से कई नेता पदयात्रा के मार्ग पर स्थानीय समन्वय के लिए जिम्मेदार होंगे। बैठक के अंत में सभी ने संकल्प लिया कि पदयात्रा सफल बनाने के लिए कोई कसर न छोड़ेंगे।

आम आदमी पार्टी का यह कदम उत्तर प्रदेश की बदलती राजनीतिक परिस्थितियों को दर्शाता है। राज्य में बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत से ऊपर है, जैसा कि हालिया एनएसएसओ रिपोर्ट में उल्लेखित है। युवा निराशा के शिकार हैं, और सामाजिक न्याय की मांग दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों में तेज है। आप का दिल्ली मॉडल, जहां मुफ्त बिजली, पानी और शिक्षा ने लाखों को लाभ पहुंचाया, उत्तर प्रदेश के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकता है। पदयात्रा के दौरान पार्टी ‘रोजगार गारंटी विधेयक’ और ‘सामाजिक न्याय आयोग’ जैसे प्रस्तावों पर जोर देगी।

सभाजीत सिंह ने स्पष्ट किया कि यह यात्रा केवल चुनावी रणनीति नहीं, बल्कि जन-जन तक पहुंचने का माध्यम है।मोहम्मद रिजवान की सदस्यता एक प्रतीकात्मक घटना है। फूलपुर, जो इलाहाबाद लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, हमेशा से सामाजिक आंदोलनों का गढ़ रहा। रिजवान, जो स्थानीय अदालत में सक्रिय हैं, ने कहा, “मैंने कई वर्षों से अन्याय का सामना करते लोगों की पैरवी की है। आप का सिद्धांत ‘सबका साथ, सबका विकास’ मुझे आकर्षित करता है। पदयात्रा के माध्यम से हम न्याय की आवाज बुलंद करेंगे।” उनकी सदस्यता से पार्टी का मुस्लिम समुदाय में प्रभाव बढ़ेगा, जो उत्तर प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण है।

पदयात्रा की तैयारियां पूरे प्रदेश में तेज हैं। अयोध्या में स्थानीय कार्यकर्ता मार्ग सुधार और स्वागत द्वारों की व्यवस्था कर रहे हैं। प्रयागराज में संगम तट पर समापन समारोह की योजना है, जहां हजारों लोग जुटेंगे। सांसद संजय सिंह ने वीडियो संदेश जारी कर कार्यकर्ताओं को बधाई दी और कहा, “यह यात्रा लौह पुरुष सरदार पटेल के सपनों को पूरा करेगी। उत्तर प्रदेश बदलेगा, भारत बदलेगा।”इस पदयात्रा से आप को न केवल संगठनात्मक मजबूती मिलेगी, बल्कि विपक्षी दलों पर दबाव भी बढ़ेगा।

भाजपा और सपा पर रोजगार और न्याय के मुद्दे पर सवाल उठेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा 2027 के विधानसभा चुनावों की दिशा तय कर सकती है। सभाजीत सिंह ने अंत में कहा, “हम लड़ेंगे, जीतेंगे। आम आदमी की आवाज अब दबेगी नहीं।”

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